हिन्दू मुस्लिम, दोनो मेरे पास , हरदा की जीवनदायनी

प्राचीन मंदिरों को साथ लिए हरदा की जीवन दयनीय अजनाल नदी, 



हरदा । डीएसचौहन पत्रकार , सतपुड़ा समीक्षा समाचार पत्र


हरदा नगर की अजनाल नदी किराने  प्राचीन मंदिर, विशाल भगवान की मूर्तिया , हरदा की सुंदरता का दर्पण है,


 


अजनाल नदी के दोनो घट पर, मंदिर, होने से यहां धार्मिक आधार पर पर्व  पर दर्शन हेतु नगर सहित जिले के आसपास के लोग यहाँ आते है ।  प्राचीन समय से ही अजनाल नदी पर लोगो के आगमन का केंद्र रहा है,। जो  ऐतिहासिक दर्जा रखता है। हिन्दू ,मुस्लिम दोनो धर्म का मेल अजनाल नदी से  है, कर्बला में ताजिये, तो पेढ़ी घाट पर प्रतिमा विसर्जन धार्मिक आस्था का केंद्र रहा।


 यहाँ बस्तियां है, अजनाल नदी के ये घाट जीवंत है, बातया जाता है, नदी का पानी इतना शुद्ध था कि सभी इसका पानी पीते थे।  हरदा की संकट मोचन कही जाने वाली नदी अपनी वर्तमान की पहचान पर सवाल खड़ी कर रही है।


 लेकिन आज इसके पानी में गंदगी है,  आधुनिक समय में  प्राचीन मंदिर  में सुधार, घाटों परलनिर्माण होता जा रहा है। शिवरात्रि पर यहां बड़े रूप में मेला लगता था, जो कुछ समय से विलुप्त हो गया। नगर के मुख्य मार्किट अजनाल नदी से लगा हुआ है।  लगतार अजनाल नदी के घट पर सुधार की जनता की मंशा, मांग, होती है।, लेकिन गंदगी  ओर सुंदरता हेतु, प्रभावी प्रयास का असर जमीन आधार पर दिखता नही। हरदा में अजनाल नदी के संरक्षण हेतु, अजनाल उत्सव का आयोजन किया गया। नगर के एनजीओ द्वारा घाटों की सफाई का जीमना लिया गया। जिससे कुछ हद तक जागरूकता, का असर रहा। लेकिन प्राचीन मंदिरों धरोहर लिए नगर की सुंदरता में अपनी भूमिका निभा रही अजनाल नदी के लिए ये सब काफी नही है,।  अभी बहुत कुछ बाकी है। 


नगर के लोग अब सुबह शाम अजनाल, पेड़ी घाट पर पूजा व धूमने जा रहे है, । पेड़ी घाट के दोनों ओर प्राचीन मंदिर शंकर मंदिर, गणेश मंदिर, शनि मंदिर ,गुप्तेश्वर मंदिर, काली मंदिर लोगो की भक्ति के स्थान है। सावन के दिनों में यहाँ अभिषेक, भजन, का आयोजन निरंतर चलता है।


 


सुरेन्द्र सिंह चौहान 9754350606