एक लेखक की लेखनी हरदा के कलाकारों के लिए -

हरदा के नाट्य समारोह में मेरे दो नाटको का मंचन - अख्तर अली


इप्टा हरदा के समारोह हेतु,  लेखक , नाटककार, की  लेखनी से....



सतपुड़ा समीक्षा समाचार पत्र/ डीएस चौहान पत्रकार 9826293018, 9754350606


 


हरदा। मित्रो 19 दिसंबर से हरदा में तीन दिवसीय नाट्य समारोह का आगाज़ होने जा रहा है , इस समारोह में कुल चार नाटको का मंचन किया जाएगा | आषाढ़ का एक दिन और मदारीपुर जंक्शन जैसे चर्चित नाटको के साथ मेरे द्वारा लिखे दो नाटक भी इस समारोह में खेले जायेगे एक *जितने लब उतने अफ़साने*और दूसरा नाटक है *तुमने क्यों कहा था मै खूबसूरत हूँ*


मध्य प्रदेश के रंगमंच में भोपाल और जबलपुर के बाद छिंदवाड़ा और हरदा ने नाट्य पंडितो का ध्यान अपनी ओर अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से खीचा है | 


हरदा में मंचित होने वाले मेरे दोनों नाटक की पृष्ठभूमि में प्रेम है | *प्रेम की ताकत* को दर्शाते ये दोनों नाट्य आलेख का शिल्प बिलकुल विपरीत है | इन दोनों नाटको में मैंने प्रेम की नई परिभाषा गढ़ी है , प्रेम को एकदम नये स्वरुप में प्रस्तुत किया गया है , प्रेम के विश्लेषण में प्रेमियों की सामाजिक ज़िम्मेदारी के माध्यम से रंगमंच की नैतिक ज़िम्मेदारी का निर्वाह किया गया है | 


जितने लब उतने अफ़साने में हालांकि केवल दो पात्र है लेकिन ये दोनों बहुत से चरित्र को अभिनित करते है , इस तरह यह नाटक निर्देशक और अभिनेता दोनों के लिये चुनौती बन जाता है | यह चुनौती ही इसका आकर्षण है , प्रथम दृष्टि में बेहद आसान लगने वाला यह नाटक मंच पर करना उतना आसान नहीं है |


बर्फ की सिल्ली पर धधकती आग का नाम है जितने लब उतने अफ़साने | इस चुनौतीपूर्ण नाटक का निर्देशन *संजय तेनगुरिया* जी ने किया है , संजय जी ने हरदा के रंगमंच काे अपने खून पसीने से सीचा है |


तुमने क्यों कहा था मै खूबसूरत हूँ .... यह बहुपात्रीय नाटक है | शालीन हास्य के माध्यम से प्रेम की महत्ता को प्रतिपादित करता यह नाटक अपनी सहज बोलचाल के लिए पसंद किया जाना चाहिये | प्रथम वाचन में यह निर्देशक और अभिनेताओं को शंकित कर सकता है लेकिन जब धीरे धीरे परत दर परत इसका अंदाज़ खुलता है तब पूरी टीम आश्वस्त होतो जाती है | मानवीय संवेदना कहानी के जिस्म मे जान की तरह है, इसका निर्देशन *इरशाद खान* ने किया है | ताजमहल का टेंडर से चर्चा में आये इरशाद खान के अंदर बेहतर से बेहतर रंगमंच करने की भूख है |


जितने लब उतने अफ़साने यह नाटक राजी सेठ की कहानी एवं तुमने क्यों कहा थ मै खूबसूरत हूँ ... यह नाटक यशपाल की कहानी पर आधारित है |


मित्रो अगर आप हरदा या इसके आस पास है तो शाम सात बजे लाल बहादुर शास्त्री व्यवसायिक अध्ययन महाविद्दालय अंतरंग सभागार पहुचिये और दोनों नाटको का आनंद लीजिये |


 अख्तर अली 


 


खबर- surendraharda@gmail.com


9826293018.9754350606